मुहब्बत खीच लायी है ,हमें इस आशियाने
में
में
नहीं तो कौन पूछता है किसी को , इस
जमाने में ||
जमाने में ||
कुछ टूटी-फूटी कविताऐ आप के लिए,लिखने का एक
असहज प्रयास ||
जिंदगी के सफ़र में
बहुत साथी मिले
बहुत चाहने वाले मिले
बहुत याद है
बहुतों ने भूला दिया
बहुतों को भूल गए
वो खुशियाँ, वो प्यार
अपनेपन का वो एहसास
जिंदगी जिनकी, उनके बच्चे हैं
हर ख़ुशी जिनके बच्चे हैं
बच्चों की जरूरतों को पूराकर
खुद की जरुरत को पूरा समझ
दिल में ख़ुशी की उमंग लिए,
अपनी जिंदगी को मशीन बना
जिंदगी के हर दुःख दर्द सहे
केवल उनकी ख़ुशी के लिए
जिंदगी के हर कदम पर
हर तरह के उतार-चढाव में
सच में –
अगर कोई निस्वार्थ भाव से
सच्चा प्यार, सहारा
अपनेपन का एहसास
आत्मविश्वास, हौसलों में जान भर
सकता है
सकता है
हमारे मन को, हमारे दर्द को
हमारी बेचैनी, घबड़ाहट को
जिंदगी में मिली, हमारी हर ख़ुशी को
हमारे हर-एक एहसास को
बिना कहे-
कोई समझ सकता है
बिना किसी ग्लानि के,
वो हमारे अपने ही हैं
जिन्होनें हमें अपनी जिंदगी से
जिंदगी दी ||
जिंदगी दी ||
-सरगम
समर्पण
सुनों,
मैंने तुम्हे अपना सब कुछ दिया
मैंने तुम्हे अपना सब कुछ दिया
अपनी खुशियाँ,अपने
गम, अपने भाव,
गम, अपने भाव,
अपनी जिंदगी, अपनी
अदाए ,
अदाए ,
अपनी वो सरारत अपनी
वो नादानियाँ
वो नादानियाँ
अब तुम्ही में
समाकर जीना चाहती हूँ मैं ,
समाकर जीना चाहती हूँ मैं ,
तुम्हारे साथ रहकर
सबकुछ सहना चाहती हूँ मैं ,
सबकुछ सहना चाहती हूँ मैं ,
क्या- तुम मेरा साथ
दोगे.....
दोगे.....
हाँ,तो सुनों---
मेरा भी अपना
स्वाभिमान है ,
स्वाभिमान है ,
खुद के लिए मैं गौरव
और अपनों की शान
हूँ |
हूँ |
कुछ तमन्नाऐ और कुछ
अर्मान हैं ,
अर्मान हैं ,
अपनी जिंदगी के लिए
,
,
मै खुद ही एक मिशाल
हूँ |
हूँ |
बस ! मेरी पहचान को
,
,
कभी धूमिल न होने
देना ,
देना ,
खुद की नजरो में
कभी गिरने न देना ,
कभी गिरने न देना ,
बाकी सब कुछ है
तुम्हारा ,
तुम्हारा ,
तुम्हारे लिए ही मै
निसार हूँ ||
निसार हूँ ||
- सरगम
लड़की
हमारी शिक्षा, हमारी जागरूकता,
हमारे भाव ,हमारे विचार ,
हमारी इच्छा, हमारी चाह,
सब कुछ है हमारा ,
पर कुछ भी नहीं हमारा ,
हम इतने पराये क्यों.... ?
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